दुनिया के घेरे में,
हर सोंच है घिरा हुआ।
दुनिया के जताने से,
दुनिया बदल नही जाती।
किसी के कह देने से,
कोई भटक नहीं जाता।
दुनिया की रीत में,
कोई आये न आये
दुनिया की समझ में
सब आता है।
कौन कहता है,
पत्थर टूटता नहीं,
हथोड़े के एक वार से वो
चकना चूर हो जाता है।
हवाओं का रुख,
कोई बदल नहीं सकता
बदल दिया तो कोई,
उसे रोक नहीं सकता,
तूफानों को मोड़ना,
आसान नहीं होता।
कभी खुद मैदान में
उतर के देखो
सच्चाई के लिए लड़ना,
आसान नही होता।
– मनीषा कुमारी