समुन्द्र की लेहरें जब उसके सामने आयी पहले तो वो सेहम गया, फिर समुन्द्र के लेहरों को शांत होते देख वो प्यारा सा कुत्ते का बच्चा खुशी से झूम उठा मानो, नई जिंदगी मिल गयी हो। इतने में उसका मालिक सनी वहाँ आ गया। उसका मालिक बहुत ही क्रूर था। हर वक्त वो अपने कुत्ते स्नोई को डाँटता रहता था, कभी – कभी तो वो उसे बहुत मरता – पिटता था।
घर लौटते वक्त अचानक सनी एक गाड़ी के सामने आ गया, इससे पहले सनी कुछ भी समझ पाता उसके कुत्ते ने उसे धक्का दे कर
उसके मालिक की जान बचा ली और खुद शाहिद हो गया।
जब उसके मालिक ने अपने कुत्ते के दिल में अपने मालिक के लिए प्यार देखा और उसके लिए जान देदी तब उसे ऐहसास हुआ कि वो कितना गलत था कि हर किसी को मारना पीटना ही प्यार समझता था। जब कि प्यार में तो त्याग की भावना होती है और वो अपने कुत्ते को कितना मरता पिटता था। ये सब देखने जानने के बाद वो वापस समुन्द्र के उस किनारे के पास चला गया जहाँ उसने अपने कुत्ते को खुश देखा था। और वो उसकी याद में हर दिन आता था और समुन्द्र की लेहरों के देख खुश होता था।
– मनीषा कुमारी