बरसों का याराना,
यूँ ही तोड़ देते हैं लोग।
न इन्हें दर्द होता है,
न इन्हें फर्क पड़ता है
समय से बाँध देते हैं
सबंध को ये लोग
बंद हो जाते हैं इनके मुँह
पूरी बात तक नहीं करते,
लगता है, खत्म हुआ मतलब हमसे,प
इसलिए अब मुँह फेर लिया करते हैं।
– मनीषा कुमारी
बरसों का याराना,
यूँ ही तोड़ देते हैं लोग।
न इन्हें दर्द होता है,
न इन्हें फर्क पड़ता है
समय से बाँध देते हैं
सबंध को ये लोग
बंद हो जाते हैं इनके मुँह
पूरी बात तक नहीं करते,
लगता है, खत्म हुआ मतलब हमसे,प
इसलिए अब मुँह फेर लिया करते हैं।
– मनीषा कुमारी
नाराज़गी तो,
आती जाती रहती है।
कभी अपनों से,
तो कभी परायों से।
दोस्तों की दोस्ती,
यूँ पल में नहीं तोड़ी जाती है।
जो पल में टूट जाये,
वो दोस्ती, दोस्ती नहीं होती।
– मनीषा कुमारी
कभी उदास रहते हैं,
कभी खफ़ा रहते हैं,
किसी के लिए तो नाराज़ रहते हैं,
लेकिन नाराज़ होने की कोई बात नही।
क्योंकि हमेशा ही हम
अलग भाव रखते हैं।
दोस्तों के लिए तो
कभी गुस्से में,
तो कभी नाराज़,
या कभी मज़ाक करते हैं।
– मनीषा कुमारी
हर दिन, हर रात बदलते हैं,
वक्त बदलता है,
मौसम बदलता है,
हर साल के साथ,
हम भी बदल गए।
जैसे जैसे हम बड़े होते गए,
हमारी सोंच भी बदलते गए।
– मनीषा कुमारी
दोस्ती कोई बंधन नही,
दो अलग भावनाओं का संगम है।
अरे वो दोस्ती क्या करेगा,
जो ढंग देख कर रंग बदलते हैं।
– मनीषा कुमारी
तू है शाम मेरी,
तू है रात मेरी,
तू जग का सूरज,
तू चाँद मेरी।
तू है बारिश की बूँद नई,
तू कोहरे की पेहली चादर है,
तू ओस की हल्की बूँदे है,
तू मीठा एहसास है,
तू पौधों में खास है।
ये फूलों की बात है,
ये उससे भी खास है।
– मनीषा कुमारी
दोस्त पुराने नही होते,
यादें पुरानी होती है।
हर एक दोस्त की एक अलग,
कहानी होती है।
सुनने वाले कम ही सही,
लेकिन दिल से जो सुने
ऐसे सच्चे दोस्त भी होते हैं।
– मनीषा कुमारी
दोस्तों की दोस्ती,
यारों की यारी।
आयी सबकी बारी,
ये दोस्तों की नामावली।
दोस्ती है अपनी तगड़ी,
ये बातों की रैली।
लगे है दुनिया,
जैसे हो जलेबी।
तू हो संग,
तो लगे है दुनिया,
जैसे कोई सीधी सी जलेबी।
– मनीषा कुमारी
मन मानी वो करती रही,
काम अपना निकलती रही।
काम हो जाने पर,
गायब हुई कहीं।
फिर से मिली कहीं,
भटकते भटकते।
पूछा जब हाल चाल,
पहचान हमारी भूल गई।
जब पड़ी मुसीबत फिर से उसपे,
याद हमारी आ गई,
अब पुकारा उसने हमे।
और हमने उनकी तरफ
देखा भी नहीं।
– मनीषा कुमारी
दोस्ती हमारी पुरानी है,
सोने सी चमक ये देती है,
हीरों से अनमोल रिश्ता है,
लोगों को जो लगता है लगे
हमे हमेशा साथ रहना है।
दुनिया बिखरती है,
तो बिखरने दो
तुम साथ हो तो
हर मुश्किल कम लगती है
सच है कि दोस्ती अनमोल होती है।
– मनीषा कुमारी