सताओ न शब्दों को,
तलवों पर न दो ज़ोर इतना।
आ रहा जो बुरा विचार तुम्हे,
ओझल हो जाएँगे कुछ क्षण में।
नकारात्मकता के तूफान में,
शक्तिशाली मन मस्तिष्क बना ।
बुरे बंदिशों को तू हटा,
दर्दनाक हादसों को तू बेहला।
ओझल कर दे बुरे विचारों को,
कल तेरा रोशन होगा।
ओझल हो जाएँगे कुछ क्षण में,
नकारत्मकता के तूफान सारे।
– मनीषा कुमारी