कभी- कभी कुछ बातों का,
ख्याल ही नहीं रहता।
जिंदगी में कुछ लोगों का,
पता ही नहीं चलता।
दूसरों का दर्द भी
अब अपना सा लगता है।
काम तो हर समय
चलता ही रहता है,
लेकीन ख्यलों का सीलसीला भी
कभी खत्म नहीं होता।
आज कल ख्याल कहीं
गूम सा हो गए।
चलते – चलते रास्तों के
पते ही खो गए।
– मनीषा कुमारी