सर्कस, राजनीति की
बहुत गहरी है।
राजनीति एक सर्कस है
ये बात सच्ची है।
लोग चाहे जो कहे
बस कोई न कोई
उदास कर ही देती है।
राजनीति सर्कस सी ही है,
दोनों ही,
कभी हँसाती हैं,
कभी रुलाती हैं।
– मनीषा कुमारी
सर्कस, राजनीति की
बहुत गहरी है।
राजनीति एक सर्कस है
ये बात सच्ची है।
लोग चाहे जो कहे
बस कोई न कोई
उदास कर ही देती है।
राजनीति सर्कस सी ही है,
दोनों ही,
कभी हँसाती हैं,
कभी रुलाती हैं।
– मनीषा कुमारी