जान पहचान की बात नही,
कोई बुरा हो,
तो उसकी औकात नही।
कोई अच्छा हो,
इतना कोई खास नही।
लोगों की बातों से,
किसी की कोई,
पहचान नहीं।
कोई बोले तो ठीक,
हम बोले तो,
कुछ खास नही।
हमारी जिंदगी से,
कोई जान पहचान नही।
जान पहचान की,
कोई बात नही।
– मनीषा कुमारी
3 replies on “कोई बात नही”
Beautiful poetry
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Thanku vry much
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My pleasure ☺️
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