देखो चाशनी जल रही,
अब तक मिठाई त्यार नही।
लोग तरस रहे प्यार को,
यहाँ प्यार क्या है वही पता नही।
– मनीषा कुमारी
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देखो चाशनी जल रही,
अब तक मिठाई त्यार नही।
लोग तरस रहे प्यार को,
यहाँ प्यार क्या है वही पता नही।
– मनीषा कुमारी