अच्छाई की राह पे,
चल तो दें
लेकिन कोई चलने नही देता।
हम जरा आगे बढ़े,
तो आगे बढ़ने नही देता।
बस ऐसे ही कई ख्याल
मन मे बिखरे, उमड़े
नही तो शायद
हमे अच्छे बुरे का
फर्क भी नही पता।
– मनीषा कुमारी
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अच्छाई की राह पे,
चल तो दें
लेकिन कोई चलने नही देता।
हम जरा आगे बढ़े,
तो आगे बढ़ने नही देता।
बस ऐसे ही कई ख्याल
मन मे बिखरे, उमड़े
नही तो शायद
हमे अच्छे बुरे का
फर्क भी नही पता।
– मनीषा कुमारी