Categories Dairy microtale Motivational Musings poetry लालची हमे बताते हो.. Post author By Manisha Post date March 13, 2021 2 Comments on लालची हमे बताते हो.. नाखूनों को देख तकदीर बताते हो,खुद पैसे खाते हो,लालची हमे बताते हो। – मनीषा कुमारी Share this:TwitterMoreLinkedInEmailFacebookWhatsAppPinterestLike this:Like Loading... Tags #शायरी, #inspiration, कविता, good afternoon, good evening, good morning, micro tale, Motivational, Musings, poetry, shortpoem By Manisha writing gives power to me View Archive → ← वो बुरा ही समझेंगे → लोगों की बातें, लोगों की सोंच… 2 replies on “लालची हमे बताते हो..” नाखून देख भविष्य बताए कहते ज्योतिषी धरा उसे ज्ञान प्राप्ति की कीमत मांगे ना मांगे तो कैसे पेट को भरे उसे।। देखो डॉक्टर को देखो आप कहते,पहले चुकाए पैसे आप मरीज मरे तो मरे धरा ,पर पैसो को लुटे खड़े।। नही करते हैं ऐसी बाते जिसका ना हो वजूद यहाँ नज़रो आगे लूटते सब हैं देखो,आज नही कल यहाँ।। समझ सकते हम पीड़ा सबकी हम भी लेखक है धरा यहां लिख कर पीड़ा निकाले कलम तलवार इसीलिए उसे कहे यहाँ।। LikeLiked by 2 people वाह👌 बहोत बढ़िया लिखा है अपने LikeLiked by 1 person Leave a Reply Cancel reply Enter your comment here... Fill in your details below or click an icon to log in: Email (required) (Address never made public) Name (required) Website You are commenting using your WordPress.com account. ( Log Out / Change ) You are commenting using your Twitter account. ( Log Out / Change ) You are commenting using your Facebook account. ( Log Out / Change ) Cancel Connecting to %s Notify me of new comments via email. Notify me of new posts via email. Δ
नाखून देख भविष्य बताए कहते ज्योतिषी धरा उसे ज्ञान प्राप्ति की कीमत मांगे ना मांगे तो कैसे पेट को भरे उसे।। देखो डॉक्टर को देखो आप कहते,पहले चुकाए पैसे आप मरीज मरे तो मरे धरा ,पर पैसो को लुटे खड़े।। नही करते हैं ऐसी बाते जिसका ना हो वजूद यहाँ नज़रो आगे लूटते सब हैं देखो,आज नही कल यहाँ।। समझ सकते हम पीड़ा सबकी हम भी लेखक है धरा यहां लिख कर पीड़ा निकाले कलम तलवार इसीलिए उसे कहे यहाँ।। LikeLiked by 2 people
2 replies on “लालची हमे बताते हो..”
नाखून देख भविष्य बताए
कहते ज्योतिषी धरा उसे
ज्ञान प्राप्ति की कीमत मांगे
ना मांगे तो कैसे पेट को भरे उसे।।
देखो डॉक्टर को देखो आप
कहते,पहले चुकाए पैसे आप
मरीज मरे तो मरे धरा ,पर
पैसो को लुटे खड़े।।
नही करते हैं ऐसी बाते
जिसका ना हो वजूद यहाँ
नज़रो आगे लूटते सब हैं
देखो,आज नही कल यहाँ।।
समझ सकते हम पीड़ा सबकी
हम भी लेखक है धरा यहां
लिख कर पीड़ा निकाले कलम
तलवार इसीलिए उसे कहे यहाँ।।
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वाह👌 बहोत बढ़िया लिखा है अपने
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