स्त्री एक पहचान,
उसे शक्ति का वरदान है,
वो खुद में ही महान है,
विश्वाश का सूत्र है,
वो रिश्तों का डोर है,
कमज़ोर का सहारा,
समझदारी की मूरत है।
– मनीषा कुमारी
स्त्री एक पहचान,
उसे शक्ति का वरदान है,
वो खुद में ही महान है,
विश्वाश का सूत्र है,
वो रिश्तों का डोर है,
कमज़ोर का सहारा,
समझदारी की मूरत है।
– मनीषा कुमारी