ये आसमाँ अकेला,
सूरज अकेला है,
चाँद अकेला है,
दुनिया में हर कुछ एकलौता है,
बस जी रहे उम्मीद में,
की उनके पास काम है,
नही तो बिन काज,
लगते दुनिया से बेकार हैं।
– मनीषा कुमारी
ये आसमाँ अकेला,
सूरज अकेला है,
चाँद अकेला है,
दुनिया में हर कुछ एकलौता है,
बस जी रहे उम्मीद में,
की उनके पास काम है,
नही तो बिन काज,
लगते दुनिया से बेकार हैं।
– मनीषा कुमारी