पृष्ठभूमि

हर कला की पृष्ठभूमि,
कला का सार बता देती है।
कैसी है किसी के मन की अभिलाषा,
ये कई राज खोल देती है।
हर लेखक के दिल की,
आवाज़ सुना देती है।
ये हर मंच की,
हर कहानी कह जाती है।

– मनीषा कुमारी

Comments

2 responses to “पृष्ठभूमि”

  1. Shails Avatar

    वाह…

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    1. Manisha Avatar

      धन्यवाद

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