छोटी सी रुकावट से,
जिंदगी रुक जाती है।
हम हैरान है कि,
जिंदगी कैसे पीछे छूट जाती है।
कभी कभी कोई ख्याल से जाता नही,
कभी कभी ख्याल में ही नही आता।
दुनिया के गोले में ख्याल भी घूमता है,
सोंचा था तुमसा कोई नही और
तुम्हारे बिना मेरी कोई मंज़िल नही
एक झटके में किसी ने,
मंज़िल दिख दी।
पास ही थी कहीं
फिर भी ढूंढ न पाई।
– मनीषा कुमारी