सोंच सोंच के परेशान हूँ,
सोंच सोंच के हैरान हूँ।
आखिर किया कैसे तुमने ये,
शायद सही है ये बात
की जैसे स्पाइडर मैन को
मकड़ी ने काटा तो
वो स्पाइडर मैन बना।
उसी तरह लोगों को
गिरगिट काट रहे,
शायेद इसलिए लोग रंग बदल रहे!
– मनीषा कुमारी
सोंच सोंच के परेशान हूँ,
सोंच सोंच के हैरान हूँ।
आखिर किया कैसे तुमने ये,
शायद सही है ये बात
की जैसे स्पाइडर मैन को
मकड़ी ने काटा तो
वो स्पाइडर मैन बना।
उसी तरह लोगों को
गिरगिट काट रहे,
शायेद इसलिए लोग रंग बदल रहे!
– मनीषा कुमारी