जाने क्यों भुला दिया था,
मेने तुम्हे कहीं।
तुम्ही तो दूर करती थी,
मेरी परेशानी कोई नई।
लिखती थी तुम्हे तो,
अच्छा लगता था।
जाने क्यों भूल गयी तुम्हे,
अब नही भूलूँगी,
क्योंकि दोस्त हो मेरी।
जमाने को भूल कर
पास तुम्हे रखूँगी।
– मनीषा कुमारी
जाने क्यों भुला दिया था,
मेने तुम्हे कहीं।
तुम्ही तो दूर करती थी,
मेरी परेशानी कोई नई।
लिखती थी तुम्हे तो,
अच्छा लगता था।
जाने क्यों भूल गयी तुम्हे,
अब नही भूलूँगी,
क्योंकि दोस्त हो मेरी।
जमाने को भूल कर
पास तुम्हे रखूँगी।
– मनीषा कुमारी