कुछ आदत सी होगई तुम्हारी
जब भी आते हो बस तभी
जिंदगी नजर आती है
खुशियाँ फेल जाती है
नही तो जैसे सिर्फ
नफरत सी छाई रहती है।
हर पन्ना तुम्हारा
नया राज खोलता है
जब भी कुछ बोलता है
ज्ञान मिलता है
नही तो आज की दुनिया में
नफरत के सिवा
कुछ नही मिलता है।
– मनीषा कुमारी