यादें

समय का इंतजार करते करते
समय बीत जाता है,
समय तो बचपन जैसे पीछे ही
छूटता जाता है।
जिंदगी की इस राह में समय के पाबंद लोग
भी थम जय करते है।
अगर बीत जाए लम्हा तो वापस नही आता लेकिन यादों का सिलसिले रोके नही रूकते,
बीच काम मे ही कहीं से वापस आजाया करता है।

– मनीषा कुमारी


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6 responses to “यादें”

  1. साधक Avatar
    साधक

    बेहतरीन पंक्तियां

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  2. Madhusudan Avatar

    kya khub likhaa hai……laajwab.

    एक राह में दो अनजान मिले,
    पहचान बने और बिछड़ गए,
    अब खोज रही नजरे उनको,
    वे किधर गए,वे किधर गए|
    दिन ढलता, रातें आती हैं,
    जीवन ये चलती जाती है,
    बचपन, यौवन में लोग मिलें,
    कुछ की यादें रह जाती हैं,
    कुछ यादें हमें रुलाती हैं,
    वे दूर कभी ना जाती हैं,
    हम भटक रहे बनकर राही,
    वह कहाँ गया जो हमराही,
    हम कदम बढ़ाते जाते हैं,
    उनको हम भूल ना पाते हैं,
    अब खोज रही नजरे उनको,
    वे किधर गए,वे किधर गए|

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    1. Manisha Avatar

      Wow bhot acha likha h apne
      Thanks for the nice comment

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  3. Anuneel Avatar

    Lovely poem 😊

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    1. Manisha Avatar

      Thanku vry much

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      1. Anuneel Avatar

        My pleasure 😊

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